Song - हम बानी प्रदेश में घर में रोवत होईहें चांद
Singer - मनोज तिवारी
।। स्थायी ।।
(हम बानी प्रदेश में घर में रोवत होईहें चांद)2
(होली दिवाली चईत के रसता)2
जोहत होईहें चांद हो ऽऽ
(हम बानी प्रदेश में घर में रोवत होईहें चांद)2
(होली दिवाली चईत के रसता)2
जोहत होईहें चांद हो ऽऽ
।। अन्तरा ।।
1) (पेट के अईसन निर्मम माया, गांव छोड़ा के कईलश पराया)2
हम परिवार के रोटी खातिर
एक अदद रोटी के खातिर अईली गैर कमान होऽऽ
---(हम बानी प्रदेश में घर में रोवत होईहें चांद)2
2) (चौकी चूल्हा वासन बर्तन, सबके खियावत खातत होईहन)2
(दिन में का रतिया में भी शायद)2
सोवत होईहें चांद हो ऽऽ
---(हम बानी प्रदेश में घर में रोवत होईहें चांद)2
3) (माई के जारी सही जइहे ननदी के गारी सही जइहे)2
(जब जब याद परत होई हमरा)2
जब जब याद परत होई आशु!
बहोरत होइहें जान हो ऽऽ
---(हम बानी प्रदेश में घर में रोवत होईहें चांद)2
4) (चिट्ठियां में बस आंसू भेजावे )2
रोवत होईहें चांद हो ऽऽ
---(हम बानी प्रदेश में घर में रोवत होईहें चांद)2
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