राम भजन- कहे प्रभु राम चंद्र
Singer - अनु दुबे
dialogue
" देखी भक्त लोग, जब सीता जी के रावन
हरण करके लंका नगरी लेके चल गईल बाड़े
तब प्रभु राम चन्द्र जी बड़ा परेशान बानी
आ ऊहां आपन भक्त हनुमान जी के
लंका नगरी भेज तानी , आ निशानी के रूप में एगो
मुनरी दे तानी, आउ कह तानी की..."
।। मुखड़ा ।।
कहे प्रभु राम चंद्र होऽऽऽ
कहे प्रभु राम चंद्र
अरे! देई के मुनरिया हनुमत जल्दी अईह
---कहे प्रभु राम चंद्र
अरे! देई के मुनरिया हनुमत जल्दी अईह
(लेके मोरा सिया के खबरिया ,
हनुमत जल्दी अईह) 3
ओ होऽऽऽ हो ओ ओ
।। स्थायी ।।
---(कहे प्रभु राम चंद्र )2 देई के मुनरिया
हनुमत जल्दी अईह
(लेके मोरा सिया के खबरिया ,
हनुमत जल्दी अईह
।। अन्तरा ।।
1) सात समंदर पार रावण के देश में
सात समंदर! सात समंदर! सात समंदऽऽर पार
रावण के देश में
ना जाने सिया मोरा, होईहे कवना भेस में
होईहे कवना भेस मेंऽऽऽ
ना जाने सिया मोरा, होईहे कवना भेस में
सोची सोची दुख होला, सिया के भितरिया ,
हनुमत जल्दी अईह
(लेके मोरा सिया के खबरिया ,
हनुमत जल्दी अईह) 2
2) (मुनरी निशानी हमार, सिया से दिखईह)2
लेवे खातिर जल्दी आईब, जाके समझईह
जाके समझईह ऽऽऽ
असरे में रहब,ए हनुमत
असरे में रहब हम , बिछाई के नजरिया
---हनुमत जल्दी अईह
(लेके मोरा सिया के खबरिया ,
हनुमत जल्दी अईह) 2
3) (वीर बलवान ,हनुमान तू महान ह)2
जागा हे पवन सुत, भरा अब उड़ान हो,
भरा अब उड़ान हो,
चीर के बदरिया , ए हनुमत
(ओ हो चीर के बदरिया, चली जा ) 2
लंका नगरीया
---हनुमत जल्दी अईह
(लेके मोरा सिया के खबरिया ,
हनुमत जल्दी अईह) 2
-----पुनः----
---(कहे प्रभु राम चंद्र )2
देई के मुनरिया हनुमत जल्दी अईह
(लेके मोरा सिया के खबरिया ,
हनुमत जल्दी अईह)3
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