सत्संग भजन- जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा झुमेला
(श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी)
।। स्थायी ।।
(हो मोरी ठाकुर जी कि वाणी
परमआनन्द नि खानि)2
सारा जगत में गुन्जेला
(जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा झुमेल)2
(हो संसार सारा झुमेला)2
---जय राधे राधे किर्तन गावे
संसार सारा झुमेला
।। अन्तरा ।।
1) देवघर में हो सभी वो तिरथ
(भक्ति भजन्वा होकेला)2
(बन्दे पुरुषोत्तम देइके नारा)2
ठाकुर चरण सब घुमेला
---जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा झुमेला
हो संसार सारा झुमेला
जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा झुमेला
2) सत्संगी के तारन लगन्वा
(प्रेम के मेवा फुटेला)2
उजर उजर फुलवा फुरल बाटे
सारा बगिचा मेहेकेला
---जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा झुमेला
हो संसार सारा झुमेला
जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा झुमेला
3) अमृत सरोवर ग्यान के लहेरे
(ग्यान फुवारा फुटेला)2
कृपा के वारिस हर दम होके
सदा सतासंग में गुन्जेला
---जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा झुमेला
हो संसार सारा झुमेला
जय राधे राधे किर्तन गावे संसार सारा
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